Saturday 25 February 2017

*शीशे -की तरह , आर- पार हूँ ..* *फिर-भी बहुतों की , समझ से बाहर हूँ ..!*

*शीशे -की तरह , आर- पार  हूँ ..*

*फिर-भी बहुतों की , समझ से बाहर हूँ ..!*
             


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